भारत ने न तो कभी युद्ध और हिंसा का समर्थन किया है और न ही करेगा- राजनाथ

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने कभी भी युद्ध और हिंसा का समर्थन नहीं किया, लेकिन वह अन्याय और उत्पीड़न के प्रति चुप नहीं रह सकता। भारत दूसरों के लिए मुसीबत नहीं बनता, लेकिन मुसीबत बनने वालों को छोड़ता भी नहीं है।

इंटरनेशनल सोसाइटी फार कृष्णा कान्शसनेस (इस्कान) द्वारा बेंगलुरु के वसंतपुरा में आयोजित गीता दान यज्ञ समारोह में राजनाथ ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जो हमेशा शांतिप्रिय रहा है। युद्ध और हिंसा कभी भी हमारी प्रकृति नहीं थी। भारत ने न तो किसी अन्य देश पर हमला किया, न ही उसने किसी अन्य देश की एक इंच जमीन पर कब्जा किया। यह भारत का चरित्र है। दुनिया को यह भी जानना चाहिए कि भारत युद्ध और हिंसा को बढ़ावा नहीं देता, लेकिन अन्याय और उत्पीड़न के प्रति चुप रहना भी हमारे चरित्र का हिस्सा नहीं है।" इस दौरान रक्षा मंत्री न उन परिस्थितियों  के बारे में भी विस्तार से समझाया जिनके कारण महाभारत का युद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए जिसे श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा " पांडव 13 वर्षों के वनवास के बाद भी 5 गांवों में बसने के लिए तैयार थे, लेकिन कौरव सुई की नोंक पर जमीन देने के लिए तैयार नहीं थे। इसी कारण महाभारत का युद्ध हुआ । इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि भारत कभी दूसरों को परेशान नहीं करता है, लेकिन अगर कोई हमें परेशान करता है, तो भारत उसे नहीं बख्शेगा भी नही।
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